Friday, July 23, 2010

पंख

कहते हैं की अगर आपके पास सपने हैं तो उनको पूरा करने की आप हर संभव कोशिश करते हैं पर उनका क्या जो सपने देख तो सकते हैं पर उनको पूरा करने का हक उनको या तो है ही नहीं या फिर अगर पूरी जोर आजमाइश के बावजूद भी उनसे वो हक हथिया लिया जाता हैजी हाँ आप सोच रहे होंगे की मैं किसकी बात कर रहा हूँ ?मैं बात कर रहा हूँ उन बच्चों की जो समय से पहले ही जवानी की दहलीज़ को लाँघ कर अपने बचपन से वंचित हो जाते हैं हर बच्चा चाहता है की वह पढ़े लिखे,स्कूल जाते हुए दूसरे बच्चों को देखकर उसका भी मन करता है की वह स्कूल जाए उसका कोमल मन भी बचपन की मस्ती में सराबोर होने के लिए मचल उठता है, वह भी चाहता है की उसके पास भी वो सारी सुख सुविधाएं हो जो और किसी बच्चे के पास होती हैं हर सुबह वो येही सोच कर उठता है की आज तो कम से कम उसका एक सपना पूरा हो जाये पर ए फॉर एप्पल की जगह उसे ए फॉर आटा और बी फॉर बॉय की जगह बोरी थमा दी जाती है कलम की जगह डंडा और स्कूल बैग की जगह बोरी कंधे पर लादे हुए वो बच्चा स्कूल न जाकर स्कूल के बाहर वाले कचरे के ढेर पर खड़ा होकर अपने भविष्य की तलाश करता रहता है उसी रास्ते से हमारे महानुभाव लोग हम जिन्हें हम लोग ही चुन कर हमारे कल को बनाने का ज़िम्मा सौंप देते है रोज़ गुज़रते हैं , पर ए सी गाडियो में से बाहर झाँकने की फुर्सत उनको कहाँ हैं उनको तो बस अपने ऐशो आराम के अलावा और किसी चीज़ की परवाह नहीं होती उनकी तो बात ही मत कीजिये हममे से भी किसी को भी इतनी फुर्सत नहीं है की उनके बारे में कुछ सोचें शर्म आती है ये सोच कर की हम भारत के विकास की बात करते हैं पर क्या यही सच्चे भारत की तस्वीर है ? नहीं ये बस हमारा भ्रम है सोचने की ज़रूरत है हर उस भारतीय को जो अपने को सच्चा भारतीय कहते हैं क्या हम भारतीय होने का फ़र्ज़ अदा कर रहे हैं? नहीं, ज़रूरत है सच्चे भारतीय का फ़र्ज़ अदा करने की अब भी समय है की हम अपने भारत के भविष्य को अगर सच में उज्जवल बनाना चाहते हैं तो कम से कम एक बच्चे को शिक्षा का उपहार दे तभी हम सच्चे भारतीय कहलाने के हक़दार हैं किसी ने बिलकुल ठीक कहा है की "घर से मस्ज़िद दूर है अगर , तो कुछ यूँ कर ले , घर से मस्ज़िद दूर है अगर, तो कुछ यूँ कर ले , आज किसी रोते हुए बच्चे को हँसाया जाए "

4 comments:

  1. aapke pas rachnatmak kachcha mal hai thodee mehnat aur keejiye,aap fir samaj ko achchha denge.

    ReplyDelete
  2. सच्ची और अच्छी सोच - शुभकामनाएं

    ReplyDelete
  3. हिंदी ब्लाग लेखन के लिए स्वागत और बधाई
    कृपया अन्य ब्लॉगों को भी पढें और अपनी बहुमूल्य टिप्पणियां देनें का कष्ट करें

    ReplyDelete
  4. आप सभी का धन्यवाद | ये तो अभी शुरुआत है आगे आप लोगों का सहयोग रहा तो और भी अच्छा लिखूंगा|

    ReplyDelete